प्राकृतिक कृषि पद्धति - मध्यप्रदेश
1. प्राकृतिक कृषि हेतु रबी 2022-23 में पंजीकृत कृषकों की जानकारी । प्रपत्र -1 Download File
2. प्राकृतिक कृषि हेतु रबी 2022-23 में अन्य कृषकों की जानकारी । प्रपत्र -2 Download File

प्राकृतिक कृषि

प्राकृतिक कृषि (natural farming) कृषि की प्राचीन पद्धति है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक कृषि में रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होता है , बल्कि प्रकृति में आसानी से, तथा प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्वों, तथा जीवाणुओं के उपयोग से यह कृषि पद्धति की जाती है | यह पद्धति पर्यावरण के अनुकूल है तथा फसलों की लागत घटाने में कारगर है |

प्राकृतिक कृषि में जीवामृत (जीव अमृत), घन जीवामृत एवं बीजामृत का उपयोग पौधों को पोषक तत्व दिए जाने के लिए किया जाता है | इनका उपयोग फसलों पर घोल के छिड़काव अथवा सिंचाई के पानी के साथ में किया जाता है प्राकृतिक कृषि में कीटनाशकों के रूप में नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्निअस्त्र, सोठास्त्र, दषा पड़नी, नीम पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है |

प्राकृतिक कृषि के प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण के उद्देश्य से, मध्यप्रदेश, कृषि विभाग द्वारा यह पंजीयन पोर्टल तैयार किया गया है | इस पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले कृषकों को, शासन द्वारा प्राकृतिक कृषि का प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उनके उत्पादों के प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन तथा मार्केटिंग हेतु प्रशिक्षित किया जायेगा |

प्राकृतिक खेती के तहत कुल किसान पंजीकरण
क्र. सीजन कुल पंजीकृत किसान प्राकृतिक किसान के तहत कुल क्षेत्रफल
A दिनांक 31.05.2022 तक खरीफ सीजन में पंजीकृत किसान 59071 110.33 (हजार हेक्टेयर)
B रबी सीजन (2022-2023)
B.1 प्रारूप 1 (पूर्व में पंजीकृत किसान) 12347 9.48 (हजार हेक्टेयर)
B.2 प्रारूप 2 (नवीनतम पंजीकृत किसान ) 66749 627.67 (हजार हेक्टेयर)
C रबी सीजन में पंजीकृत कुल किसान 79096 637.15 (हजार हेक्टेयर)
D वर्ष 2022-23 प्राकृतिक खेती में कुल पंजीकृत किसान (खरीफ सीजन में पंजीकृत किसान+ प्रारूप 2) ( A+B.2) 125820 738 (हजार हेक्टेयर)